कुछ भी की कीमत
सोहन नाम का एक व्यक्ति था। वह बहुत ही चालाक था। लोगों को बातों में उलझाकर मूर्ख बना लेता था और फिर उनसे एक मोटी रकम वसूल कर लेता था। इसीलिए उससे बात करने में सब घबराते थे। एक दिन उसने सुना की, सेठ हरिराम बहुत अच्छे, दयालु और जरूरतमन्द की मदद करते हैं। बस फिर धूर्त सोहन ने हरिराम से भी रुपये ऐंठने की योजना बनाई औऱ उनके घर पहुँच गया। सोहन ने सेठजी से कहा कि, मै बहुत गरीब हूँ। कुछ मदद करदे तो आपकी बड़ी कृपा होगी। सेठ हरिराम ने कहा कि, 'तुम जो करने में सक्षम हो वही करना शुरू कर दो और अपनी तनख़्वाह बता दो'। सोहन बोला 'कुछ भी दे देना'।
सेठजी...