Tuesday, May 28, 2019

निन्यानवे का फेर

निन्यानवे का फेर

किसी गाँव में एक पति-पत्नी बहुत हँसी-खुशी से रहते थेा। उनका साधारण रहन-सहन थाा। सारी आमदनी खर्च हो जाती थी, और वह कुछ बचत भी नही कर पाते थे। लेकिन, फिर भी गांव वालों ने कभी उन्हें किसी भी बात के लिए नाराज होते, गुस्सा करते हुए, लड़ते-झगड़ते या चिड़चिड़ाते हुये नही देखा था। एक दिन, सब आपस मे यही बात करने लगे कि, दोनों के जीवन में सुख सुविधाएं नहीं है, फिर भी दोनों खुश रहते हैं। तब एक बुजुर्ग ने हँसते हुए कहा, कि, वह अभी निन्यानवे के फेर में नही पड़े है, इसलिए खुश हैं। जितना कमाते है उतना खर्च कर देते है कल के लिये कुछ बचा कर नही रखते औऱ कल की चिंता भी नही करते। पर कुछलोगों का कहना था कि ऐसा नहीं होता। उनके पास ज्यादा रुपये होते तो वह खर्च करते जब रुपये नही है तो खर्च कहा से करेंगे। तब बुजुर्ग ने कहा कि उन्हें कुछ रुपये देकर देख लेते हैं। अगले दिन पति को अपने घर के दरवाजे पर एक पोटली रखी हुई मिली जिसमे 99 रुपये थे। (अब ये कहानी उस समय की है जब एक रुपया कमाना बहुत ज्यादा बड़ी बात होती थी जैसे आज के एक लाख रुपये की बात कोस समय के सौ रुपये के बराबर समझ सकते हैं) उन दोनों ने गाँव में सबसे पूछा पर सबने यही कहा कि पैसे उनके नहीं है। सारे गाँव के कहने पर उन्होंने रुपये रख लिए औऱ घर आकर गिने तो वह 99 रुपये थे।दोनों सोचने लगे कि रुपये कहाँ से आये। सारी रात रुपयो के बारे में ही बात करते रहे। दिनभर काम में मन नहीं लगा और शाम को फिर वही बात करने लगे की एक रुपया मिलाकर पूरे सौ हो जायेगे।अब दोनो एक रुपया बचाने के बारे में सोचने लगे कम खाना,ज्यादा समय तक काम करना औऱ हर समय पैसे बचने की तरकीब सोचना शुरू कर दिया।धीरे धीरे हंसना कम हो गया और उसकी जगह गुस्से ने ले ली,क्योंकि अब दोनों निन्यानवे के फेर में पड़ गये थे।

हमारे साथ भी यही हो रहा है।हम सब भी निन्यानवे के चक्कर में लगे हुए हैं।हँसी,खुशी, मजाक ,मौज मस्ती,शैतानी,इन सब को एक तरफ रखकर हर समय परेशानियों के बारे में सोचते रहते है आज की खुशी को महसूस करने की बजाए आने वाले समय की अनजानी मुसीबतों को सोचकर चिन्ता करते है।

आज से सोचना होगा कि जो हो रहा है वो सही है आज को आनन्द से गुजारना है, आने वाले समय को और ज्यादा सुधारना होगा पर उसके लिए आज को  खराब नही करना क्योंकि आज का समय फिर लौट कर नहो आएगा।  जहाँ पैसा समाज मे स्थान बनाने के लिए, रहन सहन सुधारने के लिए जरूरी हैै। वहीँ खुशी हमारे मन की, शरीर की ,चेहरे की सुंदरता, औऱ, निर्मलता के लिए जरूरी हैै। जो लोग खुश रहते है, उनका व्यक्तित्व चुम्बकीय हो जाता हैं। चेहरे पर निश्छलता आ जाती हैं, सारी बीमारियां, सारी नकारात्मकता दूर हो जाती है।

खुश रहें, स्वस्थ रहें, मस्त रहें, व्यस्त रहें

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